5G spectrum Auction: आपको 2G स्पेक्ट्रम घोटाला तो याद ही होगा किस तरह घोटाले के नाम पर मोदी सरकार ने लोगों को बेवकूफ बनाया था आज वही स्पेक्ट्रम और सरकार जी सवालों के घेरे में है ???इस बार का स्पेक्ट्रम ऑक्शन रोमांचक नही हुआ। क्या वजह हो सकती है?क्या भारतीय टेलीकॉम सेक्टर अब “मोनोपोली” की तरफ बढ़ रहा है?आपको क्या लगता है ?? क्या 5g spectrum नीलामी में घोटाला हुआ ?? 96238 करोड़ की जगह मिले 11340 करोड़ बाकी पैसा कहां गया.क्या इतने का घोटाला हुआ है
5G spectrum के लिए नीलामी खत्म
देश में 5जी सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने नए स्पेक्ट्रम बैंड्स की नीलामी शुरू की थी. ये दूसरे दिन ही समाप्त हो गई. बुधवार को जब ये प्रोसेस खत्म हुई इसमें सरकार द्वारा प्रस्तावित स्पेक्ट्रम के लिए अनुमानित न्यूनतम मूल्य 96238 करोड़ रुपये से 12 प्रतिशत से भी कम राशि प्राप्त हुई।मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज से 26 गीगाहर्ट्ज के बीच कुल 10 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की गई। कुल 11340 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं। नीलामी के पहले दिन 25 जून को पांच दौर की बोलियां लगाई गईं। बुधवार को ज्यादा गतिविधि नहीं हुई जिसके कारण अधिकारियों ने करीब साढ़े 11 बजे नीलामी समाप्त करने की घोषणा कर दी।
इस नीलामी से सरकार को करीब 11340 करोड़ रुपए की इनकम हुई है। अब टेलिकॉम कंपनियों को 10 दिन के अंदर सरकार को ये राशि जमा करनी होगी। ऑक्शन में सरकार ने 96317.65 करोड़ रुपए की बेस प्राइस पर 10522 मेगाहर्टज के कुल स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखे थे। इसमें से सरकार को कुल 131 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां मिली हैं। इसकी वैलिडिटी 20 साल की होगी।
DoT ने बताया
DoT के अनुसार सरकार ने मोबाइल फोन सेवाओं के लिए 8 स्पेक्ट्रम बैंड नीलामी के लिए रखे थे। इसमें 800 मेगाहर्ट्ज 900 मेगाहर्ट्ज 1800 मेगाहर्ट्ज 2100 मेगाहर्ट्ज 2300 मेगाहर्ट्ज 2500 मेगाहर्ट्ज 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड शामिल हैं। इनमें से 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में कुल 60 mhz स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां मिली। इस बैंड में कुल 7604 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम बिका। 1800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में 50.4 mhz के लिए बोलियां मिली। इस बैंड में करीब 3.614 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम बिका। 2100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में सरकार को कुल 546 करोड़ की बोलियां मिली। बिहार मध्यप्रदेश पूर्वी उत्तरप्रदेश पश्चिम बंगाल में स्पेक्ट्रम की मांग देखी गई।
सबसे बड़ी बिडर बनकर सामने आई.भारती एयरटेल इसने 11341 करोड़ रुपये में बेचे गए स्पेक्ट्रम का लगभग 60% खरीदा। सात दौर की बोली के बाद 533 मेगाहर्ट्ज में से लगभग एक चौथाई या 141 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बेचा जा सका जिसमें भारती एयरटेल ने तीन बैंड में 97 मेगाहर्ट्ज का अधिग्रहण किया। कंपनी अलग-अलग सर्किलों में 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नवीनीकरण की जरूरत के कारण सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है। इसके अलावा भारती हेक्साकॉम लिमिटेड ने कुल 1001 करोड़ रुपए के के साथ 15 मेगाहर्ट्ज का अधिग्रहण किया है।इसके बाद वोडाफोन (30 मेगाहर्ट्ज) और रिलायंस जियो (14.4 मेगाहर्ट्ज) का स्थान रहा।
रिलायंस जियो ने 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) यानी बयाना राशि के रूप में 3000 करोड़ रुपए जमा किए हैं जो टॉप-3 टेलिकॉम कंपनियों में शामिल भारती एयरटेल लिमिटेड से 3 गुना और वोडाफोन आइडिया (Vi) से 10 गुना ज्यादा है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) के अनुसार भारती एयरटेल ने 1050 करोड़ और वोडाफोन आइडिया (Vi) ने 300 करोड़ रुपए जमा किए। आपको बता दे की नीलामी में 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम अधिकार दिए जाएंगे। कंपनियों को हर साल किस्तों में भुगतान करना होगा।भारत में 5जी यूजर्स की संख्या 2029 के अंत तक 84 करोड़ के करीब पहुंच सकती है जो कि मोबाइल सब्सक्राइबर की संख्या का 65 प्रतिशत होगा। बुधवार को जारी एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2029 तक मोबाइल सब्सक्राइबर की संख्या बढ़कर 1.3 अरब पहुंचने की संभावना है। क्योंकि मोबाइल सब्सक्रिप्शन तेजी से ऊपर जा रहा है।
2022 में 5G spectrum की नीलामी
दोस्तों ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है 2022 में भी सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी से 1.5 ट्रिलियन रुपए की भारी रकम जुटाई थी। तब पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा नेमोदी सरकार पर घोटाले के आरोप लगाए थे 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर कहा था की ‘सरकार ने खुद अनुमान लगाया था कि 5जी पांच लाख करोड़ का बिकेगा लेकिन अब इसकी नीलामी डेढ़ लाख करोड़ रुपये में हुई है. तो बाक़ी का पैसा कहां गया?’खैर आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ